‘अंधेर नगरी’ के नामकरण की सार्थकता | andher nagari ke namkaran ki sarthakta

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‘अंधेर नगरी, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का अत्यंत प्रसिद्ध प्रहसन है, जो 1881 ई. में प्रकाशित हुआ था । भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अपने प्रहसन ‘अंधेर नगरी’ को परम्परा से चली आ रही लोकोक्ति ‘अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा’ पर आधारित किया है जिसमें बिहार के किसी मूर्ख और अत्याचारी शासक को आधार … Read more

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