साहित्य का उद्देश्य मुंशी प्रेमचंद का सार | sahitya ka uddeshya munshi premchand ka sar

sahitya ka uddeshya munshi premchand

यह निबंध प्रेमचंद के एक भाषण का लिखित रूप है। प्रेमचंद ने यह भाषण लखनऊ में ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ की स्थापना के अवसर पर अध्यक्ष के रूप में दिया था। इसमें हिंदी और उर्दू के अनेक लेखक शामिल हुए। यह सम्मेलन सन् 1936 में आयोजित हुआ था। इसे प्रेमचंद ने ‘साहित्य के इतिहास की एक … Read more

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