रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ और विशेषताएँ | Ritikal ki Pramukh Pravrittiyan aur Visheshtaen

रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ और विशेषताएँ | Ritikal ki Pramukh Pravrittiyan aur Visheshtaen

Ritikal ki Pramukh Pravrittiyan aur Visheshtaen, रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ और विशेषताएँ, Ritikal ki Pramukh Pravrittiyan aur Visheshtaen

रीतिकालीन कवियों का आचार्यत्व | Ritikalin kaviyon ka acharyatva

ritikalin kaviyon ka acharyatva

हिंदी साहित्य के इतिहास में मध्यकाल को पूर्व मध्यकाल और उत्तर मध्यकाल के रूप में विभाजित किया गया है। आचार्य शुक्ल ने पूर्व मध्यकाल को ‘भक्तिकाल’ की संज्ञा दी है और उत्तर मध्यकाल को ‘रीतिकाल’ की। निश्चय ही ‘रीतिकाल’ नामकरण इस बात का संकेत देता है कि इस दौर में रीति-निरूपण की प्रधानता थी। आचार्य … Read more

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