समकालीन कविता की प्रमुख प्रवृत्तियाँ और विशेषताएँ | Samkalin Kavita ki Pramukh Pravrittiyan aur Visheshtaen

samkalin kavita ki pramukh pravrittiyan aur visheshtyaen

‘समकालीन’ शब्द अंग्रेजी के ‘contemporary’ का पर्याय है तथा ‘समसामयिक’ का अर्थ बोधक है । इससे प्रतीत होता है कि समकालीन कविता समसामयिक संदर्भों से संबद्ध है । साथ ही, इसे युग-विशेष के संदर्भों के अनुसार बदली हुई चेतना या मानसिकता का द्योतक माना जाता है ।

जनवादी कविता की प्रमुख प्रवृत्तियाँ और विशेषताएँ | Janvadi Kavita ki Pramukh Pravrittiyan aur Visheshtaen

Janvadi Kavita ki Pramukh Pravrittiyan aur Visheshtaen

जनवादी कविता से आशय एक विशेष दौर की कविताओं से है जिनमें जनता के प्रति प्रतिबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। जनता के प्रति यही प्रतिबद्धता जनवादी कविता को क्रांतिधर्मी चेतना से लैस करती है। इस विशेष दौर की कविता का नामकरण चीन की जनवादी क्रांति की प्रेरणा पर की गई क्योंकि माओवादी विचारधारा इस काव्यांदोलन के वैचारिक आधार को निर्मित करती है। यह प्रगतिवादी काव्यांदोलन की तार्किक परिणति है, फर्क सिर्फ इतना है कि यहाँ पर वैचारिक प्रतिबद्धता का आग्रह नहीं है। आज हम Janvadi Kavita ki Pramukh Pravrittiyan aur Visheshtaen को विस्तार से समझने और उसका विश्लेषण करने का प्रयास करेंगे ।

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