अतियथार्थवाद क्या है | Ati Yatharthavad Kya Hai | अतियथार्थवाद | Surrealism | Surrealism kya hai

Ati Yatharthavad Kya Hai

‘अतियथार्थवाद’ अंग्रेजी के सरियलिज़्म (Surrealism) का हिंदी पर्याय है। साहित्य और कला के क्षेत्र का यह एक ऐसा आंदोलन है जिसका जन्म प्रथम विश्वयुद्धोत्तर फ्रांस में हुआ। नाम से यथार्थवाद के चरम रूप का भ्रम पैदा करने वाला यह ‘वाद’ यथार्थवाद से पूर्णतः भिन्न है और एक तरह से स्वच्छंदतावाद की ही अंतिम परिणति है। … Read more

मार्क्सवादी साहित्य और कला-चिन्तन | Marxvadi Sahitya aur Kala Chintan | Marxvadi Sahitya Chintan

Marxvadi Sahitya aur Kala Chintan

मार्क्सवादी कला और साहित्य-चिन्तन मार्क्सवादी दर्शन से प्रभावित है। इसके दो प्रमुख आधार हैं- एक द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद और दूसरा ऐतिहासिक भौतिकवाद।   द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद एक विकास का सिद्धान्त है जो क्रिया, प्रतिक्रिया और समन्वय के द्वारा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। इसका संबंध प्रकृति और जगत के नियमों की व्याख्या से है ।  ऐतिहासिक … Read more

अभिजात्यवाद क्या है | आभिजात्यवाद क्या है | Abhijatyavad Kya Hai | Classicism Kya Hai

abhijatyavad kya hai

हिंदी शब्द अभिजात्यवाद या आभिजात्यवाद अंग्रेजी शब्द क्लासिसिज्म [CLASSICISM] का पर्याय है। हिंदी में आभिजात्यवाद के अतिरिक्त शास्त्रवाद या श्रेण्यवाद आदि कई नाम इसके लिए प्रस्तावित किए गए हैं।   आचार्य नलिनविलोचन शर्मा ने उसके लिए हिंदी  में ‘श्रेण्यवाद‘ शब्द प्रस्तावित किया किन्तु यह  शब्द प्रचलन में नहीं आ सका।   आभिजात्यवाद या क्लासिसिज्म की … Read more

प्रतीक | प्रतीक क्या है | Pratik | Pratik Kya hai

Pratik Kya hai

प्रतीक किसी वस्तु विशेष या भाव समूहों का एक ऐसा संकेत है जो अगोचर एवं अतीन्द्रिय है, जिसका संपूर्ण रूप में मस्तिष्क में अनुभव किया जा सकता है। अर्थात प्रतीक ऐसा शब्द चिह्न है जो किसी वस्तु का बोध कराता है। वस्तुतः प्रतीक किसी सूक्ष्म भाव, विचार या अगोचर तत्व को साकार करने के लिए … Read more

साहित्य का उद्देश्य | Sahitya ka Uddeshya | Sahitya ka Prayojan | साहित्य का प्रयोजन

Sahitya ka Uddeshya

साहित्य शब्द और अर्थ के समन्वित सौंदर्य से निर्मित ऐसी लोकमंगलकारी रचना है जो रचनाकार के भावों, विचारों और आदर्शों को पाठक या समाज तक सम्प्रेषित करती है।  विद्वानों के अनुसार ‘साहित्य’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है = सहित + यत् प्रत्यय । अर्थात साहित्य का अर्थ है – साथ होने का भाव या सहभाव … Read more

यथार्थवाद क्या है | Yatharthvad Kya Hai| Realism Kya Hai

Yatharthvad Kya Hai

हिंदी में यथार्थवाद अंग्रेजी के रियलिज्म (Realism) के अनुवाद के रूप में प्रयुक्त होता है । यथार्थ का अर्थ है यथा + अर्थ यानी जैसा है वैसा अर्थ। किंतु इसका पारिभाषिक अर्थ समझने के लिए इतिहास और दर्शन के क्षेत्र में जाना पड़ेगा । यथार्थवाद मूलतः दर्शन के क्षेत्र का शब्द है, जहाँ  से साहित्य व … Read more

फैन्टेसी क्या है | Fantasy Kya Hai

Fantasy Kya Hai

आधुनिक काव्य-चिन्तन में कल्पना के साथ ‘फैन्टेसी’ की चर्चा भी बराबर होती है। इसका कारण यह है कि ‘फैन्टेसी’ भी एक प्रकार की कल्पना ही है। प्लेटो ने कल्पना के लिए ‘फैन्टेसिया’ शब्द प्रयोग किया था जिसका आधार ‘असत्य’ या ‘मिथ्या’ होता है।  अतः ‘फैन्टेसी’  शब्द का निर्माण यूनानी शब्द ‘फैन्टेसिया’ से हुआ है जिसका … Read more

अस्तित्ववाद क्या है | Astitvavad kya hai

Astitvavad kya hai

अस्तित्ववाद मूल रूप से दर्शन के क्षेत्र का शब्द है । यह अंग्रेजी के एक्जिस्टेंशियलिज़्म (Existentialism) का हिंदी पर्याय हैअस्तित्ववाद का उन्मेष प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में हुआ।  तदुपरांत उसने फ्रांस और इटली होते हुए एशिया के देशों में भी अपना प्रभाव डाला। इस सिद्धान्त ने साहित्य सृजन तथा आलोचना सिद्धान्त को गहराई से प्रभावित … Read more

साठोत्तरी हिंदी कविता की विशेषताएँ | Sathottari Hindi Kavita Ki Visheshtaen

Sathottari Hindi Kavita Ki Visheshtaen

1960 के बाद लिखी गई कविता साठोत्तरी कविता के नाम से जानी जाती है। साठोत्तरी कविता ‘नई कविता’ का न तो विकास है और न उसका विकसित रूप। साठोत्तरी कविता एक अलग किस्म की कविता है, जिसका अपना कथ्य और अपना शिल्य है। इसका स्वरूप नई कविता से सर्वथा पृथक् है। वस्तुतः, साठोत्तरी कविता का … Read more

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