अस्तित्ववाद क्या है | Astitvavad kya hai

Astitvavad kya hai

अस्तित्ववाद मूल रूप से दर्शन के क्षेत्र का शब्द है । यह अंग्रेजी के एक्जिस्टेंशियलिज़्म (Existentialism) का हिंदी पर्याय हैअस्तित्ववाद का उन्मेष प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में हुआ।  तदुपरांत उसने फ्रांस और इटली होते हुए एशिया के देशों में भी अपना प्रभाव डाला। इस सिद्धान्त ने साहित्य सृजन तथा आलोचना सिद्धान्त को गहराई से प्रभावित … Read more

संरचनावाद क्या है | Sanrachanavad Kya Hai

sanrachanavad kya hai

संरचनावाद अंग्रेजी शब्द (Structuralism) का हिंदी पर्याय है । संरचनावाद पाश्चात्य समीक्षा जगत से हिंदी में आया।  यह 1960 के दशक के फ्रांस में विकसित बौद्धिक विश्लेषण एवं चिंतन की वह पद्धति है जिसे विश्व स्तर पर भाषाविदों, साहित्य समीक्षकों, दार्शनिकों, मनोविज्ञान शास्त्रियों तथा नृविज्ञान शास्त्रियों (anthropologist) का उत्साहवर्द्धक समर्थन मिला । तो चलिए आज हम sanrachanavad kya hai  को विस्तार … Read more

प्लेटो का काव्य सिद्धांत | Plato ka Kavya Siddhant

Plato ka Kavya Siddhant

पाश्चात्य काव्य-चिंतन की परंपरा का विकास 5 वीं सदी ईस्वी पूर्व से माना जाता है। पतंतु पाश्चात्य आलोचना में भौतिक सिद्धान्तों का सर्वप्रथम प्रतिपादन प्लेटो द्वारा ही हुआ । इसी काल में पाश्चात्य अर्थात् ग्रीक आलोचना का क्रमबद्ध स्वरूप देखने को मिलता है । इसके पहले कतिपय यूनानी साहित्यकारों (होमर, पिण्डार, गार्जियस, अरिस्टोफनीस आदि) की कृतियों … Read more

अरस्तू का अनुकरण सिद्धांत | Arastu Ka Anukaran Siddhant

Arastu Ka Anukaran Siddhant

पाश्चात्य ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में यूनानी विद्वान अरस्तू (384 ई.पू.-322 ई.पू.) का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है । वे एक ओर तो प्रसिद्ध दार्शनिक प्लेटो के शिष्य थे तो दूसरी ओर विश्व-विजेता सिकंदर महान के गुरु होने का गौरव भी उन्हें प्राप्त है।    उन्होंने अपने जीवन में लगभग चार सौ ग्रन्थों की रचना की । … Read more

अमीर खुसरो की हिंदी कविता | Amir Khusro ki Hindi Kavita

amir khusro ki hindi kavita

अमीर खुसरो का वास्तविक नाम ‘अब्दुल हसन’ था और ये ‘निजामुद्दीन औलिया’ के शिष्य थे । अमीर खुसरो मुख्य रूप से फारसी के कवि थे।   आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार अमीर खुसरो का समय 1255 से 1324 ई. तक है । 1283 ई. में अमीर खुसरो ने रचना आरंभ की । अमीर खुसरो खड़ी … Read more

साठोत्तरी हिंदी कविता की विशेषताएँ | Sathottari Hindi Kavita Ki Visheshtaen

Sathottari Hindi Kavita Ki Visheshtaen

1960 के बाद लिखी गई कविता साठोत्तरी कविता के नाम से जानी जाती है। साठोत्तरी कविता ‘नई कविता’ का न तो विकास है और न उसका विकसित रूप। साठोत्तरी कविता एक अलग किस्म की कविता है, जिसका अपना कथ्य और अपना शिल्य है। इसका स्वरूप नई कविता से सर्वथा पृथक् है। वस्तुतः, साठोत्तरी कविता का … Read more

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